रविवार, 7 अक्तूबर 2018

आज खो रहा।

अपनो से रो रहे है कुछ ,
अपनो को रो रहे है ;
तलाश कर रहे खुशी ,
खुशी को खो रहे है। 

रत्ती भर समझ नही ,
बड़े सब हो रहे है ;
सवांरने चले है कल ,
पर आज खो रहे है ।

-विकास शर्मा

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